वित्त मंत्री कोरोनावायरस से प्रभावित सेक्टर के लिए जल्द करेंगी राहत पैकेज का ऐलान, एविएशन-टूरिज्म सेक्टर को मिला सकता है फायदा

 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जल्द कोरोना वायरस प्रभावित सेक्टर के लिए आर्थिक पैकेज का ऐलान करेंगी। हालांकि आर्थिक पैकेज के ऐलान की कोई समयसीमा नहीं बताई। वित्त मंत्री की ओर से आर्थिक पैकेज को अंतिम रुप दिया जा रहा है। उनकी पर्यटन, एमएसएमई, नागर विमानन, पशुपालन सेक्टर के मंत्रालय के वित्त सचिव और आर्थिक मामलों के सचिव के साथ बैठक हुई। जिसमें कोरोना वायर से ग्रसित सेक्टर के लिए आर्थिक पैकेज के बारे में चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि संकट से निपटने के लिए कार्य योजना तैयार करने को लेकर मंत्रालय की शनिवार को बैठक होगी।


पशुपालन उद्योग बुरी तरह प्रभावित
पशुपालन, मत्स्य और डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह ने बैठक के बाद कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण पशुपालन उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ है। हमने विभिन्न उपायों पर चर्चा की। इसमें कर्ज पुनर्गठन शामिल है। इससे क्षेत्र में कार्यरत लोगों को मदद मिल सकती है। कोरोना वायरस के चलते देश के मुर्गी पालन उद्योग को 1.5 लाख करोड़ रुपए का है। इससे दस लाख से अधिक छोटे किसान सीधे तौर पर जुड़े हैं, जबकि करोड़ों लोग परोक्ष रूप से इस क्षेत्र पर आश्रित हैं। गौरतलब है कि पीएम मोदी ने गुरुवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि सरकार ने कोविड-19 इकोनॉमिक रेस्पांस टॉस्क फोर्स के गठन का फैसला लिया है। इस टास्क फोर्स का नेतृत्व वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कर रही हैं।


सरकार देगी 12 हजार करोड़ की मदद
सरकार एविएशन सेक्टर को 12 हजार करोड़ का मदद कर सकती है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक वित्त मंत्रालय कई प्रस्ताव पर विचार कर रही है। इसमें एविएशन फ्यूल टैक्स से तत्काल राहत समेत कई अन्य उपाय शामिल हैं। विमानन सलाहकार कंपनी सीएपीए इंडिया ने एक रिपोर्ट में बताया है कि एअर इंडिया को छोड़कर बाकी अन्य कंपनियों को जनवरी-मार्च तिमाही में 50 से 60 करोड़ डॉलर का घाटा होने का अनुमान है। डिमांड ने मिलने पर भारतीय विमानन कंपनियां शुरुआती स्तर पर करीब 150 विमानों को परिचालन से रोक सकती हैं। बता दें कि वर्तमान में छह बड़ी घरेलू विमानन कंपनियों के पास करीब 650 विमानों का बेड़ा है।


विदेशी पर्यटकों से भार को होती है 28 अरब डॉलर की आय


सीआईआई की पर्यटन समिति ने कोरोना वायरस महामारी के पर्यटन उद्योग पर असर का आकलन किया है। इसके मुताबिक, अक्टूबर से मार्च के बीच भारत आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या वार्षिक आगमन की 60-65 फीसदी होती है। भारत को विदेशी पर्यटकों से 28 अरब डॉलर से अधिक की आय होती है। रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना वायरस महामारी की खबरें नवंबर से आना शुरू हुईं और इसके बाद यात्रा टिकटों, होटल बुकिंगों इत्यादि का कैंसिलेशन शुरू हुआ। अब मार्च में कई भारतीय पर्यटन स्थलों पर बुकिंग का कैंसिलेशन 80 फीसदी के उच्चतम स्तर तक पहुंच गया है।


सरकार ने तय की सैनिटाइजर, मास्क की कीमत
कोरोना वायरस के प्रकोप की रोकथाम के लिए सरकार ने सैनिटाइजर और फेस मास्क की कीमत तय कर दी है। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने शुक्रवार को ट्वीट के जरिए बताया कि कोरोनावायरस के फैलने के बाद से बाजार में विभिन्न फेस मास्क, इसके निर्माण में लगने वाली सामग्री और हैंड सैनिटाइजर की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि देखी गई है। इसलिए सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए इनकी कीमतें तय कर दी हैं। पासवान ने कहा कि आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत 2 प्लाई मास्क की खुदरा कीमत आठ रुपए प्रति मास्क और और तीन प्लाई के मास्क की कीमत 10 रुपए प्रति मास्क से अधिक नहीं होगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हैंड सैनिटाइजर की 200 एमएल बोतल की खुदरा कीमत 100 रुपए से अधिक नहीं होगी। अन्य आकार की बोतलों की कीमत भी इसी अनुपात में रहेंगी। ये कीमतें 30 जून, 2020 तक पूरे देश में लागू रहेंगी।


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वन विभाग की टीम ने पुलिस के सहयोग से हिरण के मांस सहित तीन शिकारियों को गिरफ़्तार किया है। इनमें एक शिकारी को मौके से जबकि शेष दोनों को पकड़ने के लिए वन विभाग को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। चार शिकारी फरार भी हो गए। क्षेत्रीय वन अधिकारी बुधाराम विश्नोई ने बताया कि शुक्रवार सुबह शेखासर रोड पर अखाधना से पहले रेंवतसिंह पुत्र भंवरसिंह के नलकूप पर मांस पकाने की सूचना थी। टीम पहुंची तो स्वरूपाराम पुत्र द्ववारकाराम भील को मांस सहित गिरफ्तार किया। शेष आरोपी उस समय मौके से फरार हो गए। रेंजर विश्नोई ने बताया कि पूछताछ करने पर उसकी निशानदेही पर राणेरी रोड पर भीलों की ढाणी जाने वाली सड़क किनारे फेंकी खाल बरामद की। टीम एक बार स्वरूपाराम को लेकर बाप पहुंच गई। दोबारा मौका देखने गए तो पकड़ में आए दो शिकारी, अवशेष बरामद स्वरूपाराम ने पूछताछ में बताया कि शिकार रेंवतसिंह व उसके भाई विनोदसिंह सहित सात जनों ने मिलकर किया था। आधा मांस रेंवतसिंह के नलकूप पर व आधा मांस भंवरलाल पुत्र बींजाराम ढोली के यहां पकाया। दोपहर बाद टीम स्वरूपाराम को लेकर दोबारा मौके पर पहुंची। इस बार बाप थानाधिकारी हरिसिंह राजपुरोहित भी जय जाप्ता साथ थे। रेंजर ने बताया कि घटना स्थल पर बाल, रक्त के धब्बे सहित अन्य अवशेष फिर बरामद हुए। शिकारी जीतू ढोली को झूपे में कर दिया था बंद दूसरा शिकारी विनोद सिंह पुत्र भंवरसिंह नलकूप पर मिल गया, लेकिन वह टीम को देख भागने लगा। जिस पर उसका पीछा किय गया। तारबंदी होने की वजह से गाड़ी जा नहीं पा रही थी, ऐसे में वन विभाग व पुलिस की टीम ने उसका पैदल ही ड़ेढ घंटे पीछा कर पकड़ा। स्वरूपाराम के बताने पर तीसरे शिकारी जीतु पुत्र भंवराराम ढोली के घर टीम ने दबिश दी, लेकिन वह नहीं मिला। परिजनों ने उसे झूंपे में अंदर छिपाकर बाहर से ताला लगा दिया। ताला खुलवाकर उसे बाहर निकाल गिरफ्तार कर लिया। शिकार प्रकरण में लिप्त रेंवतसिंह सहित चार अन्य की तलाश की जा रही है।
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