वन विभाग की टीम ने पुलिस के सहयोग से हिरण के मांस सहित तीन शिकारियों को गिरफ़्तार किया है। इनमें एक शिकारी को मौके से जबकि शेष दोनों को पकड़ने के लिए वन विभाग को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। चार शिकारी फरार भी हो गए। क्षेत्रीय वन अधिकारी बुधाराम विश्नोई ने बताया कि शुक्रवार सुबह शेखासर रोड पर अखाधना से पहले रेंवतसिंह पुत्र भंवरसिंह के नलकूप पर मांस पकाने की सूचना थी। टीम पहुंची तो स्वरूपाराम पुत्र द्ववारकाराम भील को मांस सहित गिरफ्तार किया। शेष आरोपी उस समय मौके से फरार हो गए। रेंजर विश्नोई ने बताया कि पूछताछ करने पर उसकी निशानदेही पर राणेरी रोड पर भीलों की ढाणी जाने वाली सड़क किनारे फेंकी खाल बरामद की। टीम एक बार स्वरूपाराम को लेकर बाप पहुंच गई।
दोबारा मौका देखने गए तो पकड़ में आए दो शिकारी, अवशेष बरामद
स्वरूपाराम ने पूछताछ में बताया कि शिकार रेंवतसिंह व उसके भाई विनोदसिंह सहित सात जनों ने मिलकर किया था। आधा मांस रेंवतसिंह के नलकूप पर व आधा मांस भंवरलाल पुत्र बींजाराम ढोली के यहां पकाया। दोपहर बाद टीम स्वरूपाराम को लेकर दोबारा मौके पर पहुंची। इस बार बाप थानाधिकारी हरिसिंह राजपुरोहित भी जय जाप्ता साथ थे। रेंजर ने बताया कि घटना स्थल पर बाल, रक्त के धब्बे सहित अन्य अवशेष फिर बरामद हुए।
शिकारी जीतू ढोली को झूपे में कर दिया था बंद
दूसरा शिकारी विनोद सिंह पुत्र भंवरसिंह नलकूप पर मिल गया, लेकिन वह टीम को देख भागने लगा। जिस पर उसका पीछा किय गया। तारबंदी होने की वजह से गाड़ी जा नहीं पा रही थी, ऐसे में वन विभाग व पुलिस की टीम ने उसका पैदल ही ड़ेढ घंटे पीछा कर पकड़ा। स्वरूपाराम के बताने पर तीसरे शिकारी जीतु पुत्र भंवराराम ढोली के घर टीम ने दबिश दी, लेकिन वह नहीं मिला। परिजनों ने उसे झूंपे में अंदर छिपाकर बाहर से ताला लगा दिया। ताला खुलवाकर उसे बाहर निकाल गिरफ्तार कर लिया। शिकार प्रकरण में लिप्त रेंवतसिंह सहित चार अन्य की तलाश की जा रही है।