लॉकडाउन में 500 से ज्यादा सावे हो चुके कैंसिल, अब आखातीज के सावे भी टले

 पूरा देश 14 अप्रैल लॉकडाउन है। इसे आगे बढ़ाने की संभावना है। ऐसे में 26 अप्रैल को आखातीज पर होने वाले शादी-विवाह को लेकर लोगों की चिंता बढ़ गई है। आखातीज पर लगभग 150 शादियां होती हैं। क्षेत्र में मार्च से एक मई तक लगभग 200 शादियां कैंसिल हो गई है। इसके कारण हलवाई, टेंट, स्टूडियों वालों को लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है। अमराराम सीरवी ने बताया कि बेटी की शादी 15 अप्रैल को होनी थी और शनिवार को सावा लिखना था लेकिन कैंसिल करनी पड़ी।


एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश आचार्य ने बताया कि क्षेत्र में लगभग 35 टेंट हॉऊस है। मेरे 20 ऑर्डर कैंसिल हुए है। शिवम टेंट के वीरेंद्र चौधरी ने बताया कि 25 आर्डर कैंसिल हो चुके हैं। ओम स्टूडियो के ओमप्रकाश पटेल ने बताया कि सीजन के लिए दो लाख रुपए के दो नये कैमरे लेकर आया। बीस आर्डर कैंसिल हो गए। स्टूडियों एक्सपोज के अविनाश गोस्वामी ने बताया कि 19 आॅर्डर कैसिंल हो चुके हैं। हनुमान डिजीटल स्टूडियो के मालाराम पटेल ने बताया कि 13 लाख के आॅर्डर कैंसिल हुए। हलवाई टीलाराम प्रजापत ने बताया कि इस सीजन में बिलाड़ा में लगभग 200 शादियां होती है। इनमें से लगभग 150 आखातीज पर होती है। मेरे 17 आॅर्डर कैंसल हुए। इसी तरह शिंभुराम प्रजापत के 9 व माधु हलवाई के 30 ऑर्डर कैंसल हुए। ओमप्रकाश अरोड़ा के 9, जगदीश हलवाई के तीन आॅर्डर कैंसल हुए।


बालेसर: 100 से ज्यादा शादियां टली
आखातीज को अबूझ सावों पर होने वाली 100 से ज्यादा शादियां टल गई है। पंडित भजनलाल द्विवेद्वी ने बताया कि उसके पास एक दर्जन शादियों के ऑर्डर आते हैं लेकिन इस बार नहीं है। फोटोग्राफर मनीष शर्मा ने बताया कि इस बार 5-7 ही आॅर्डर आए और वे भी कैंसल हो गए। टेंट हाउस संचालक भंवरलाल सोलंकी ने बताया कि एक दो ऑर्डर हुए, वे भी कैंसल कर दिए। उपखंउ अधिकारी महावीरसिंह जोधा ने बताया कि फिलहाल परिस्थितियों को देखते हुए किसी को भी शादी की अनुमति नहीं दी जा सकती। 


शेरगढ़: 30 जून तक ब्राह्मण शादियों में नहीं जाएंगे
अक्षय तृतीया पर न कोई शादियां तय हुई है तथा न हीं कोई टेंट की बुकिंग हो पाई है। शेरगढ़ के पण्डित गोपाल दवे का कहना है कि जब तक देश पूर्ण रूप से स्वस्थ नहीं हो जाए तब तक 30 जून तक समस्त ब्राह्मण समाज के लोग किसी प्रकार के शादी समारोह आदि में शामिल नहीं होंगे। टेंट वाले चंदू बी सैन का कहना है कि आखातीज की बुकिंग नहीं हो रही। जब तक लॉकडाउन है वे बुकिंग भी नहीं लेंगे। धारा 144 लगी होने की वजह से प्रशासन की अनुमति नहीं है।  


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वन विभाग की टीम ने पुलिस के सहयोग से हिरण के मांस सहित तीन शिकारियों को गिरफ़्तार किया है। इनमें एक शिकारी को मौके से जबकि शेष दोनों को पकड़ने के लिए वन विभाग को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। चार शिकारी फरार भी हो गए। क्षेत्रीय वन अधिकारी बुधाराम विश्नोई ने बताया कि शुक्रवार सुबह शेखासर रोड पर अखाधना से पहले रेंवतसिंह पुत्र भंवरसिंह के नलकूप पर मांस पकाने की सूचना थी। टीम पहुंची तो स्वरूपाराम पुत्र द्ववारकाराम भील को मांस सहित गिरफ्तार किया। शेष आरोपी उस समय मौके से फरार हो गए। रेंजर विश्नोई ने बताया कि पूछताछ करने पर उसकी निशानदेही पर राणेरी रोड पर भीलों की ढाणी जाने वाली सड़क किनारे फेंकी खाल बरामद की। टीम एक बार स्वरूपाराम को लेकर बाप पहुंच गई। दोबारा मौका देखने गए तो पकड़ में आए दो शिकारी, अवशेष बरामद स्वरूपाराम ने पूछताछ में बताया कि शिकार रेंवतसिंह व उसके भाई विनोदसिंह सहित सात जनों ने मिलकर किया था। आधा मांस रेंवतसिंह के नलकूप पर व आधा मांस भंवरलाल पुत्र बींजाराम ढोली के यहां पकाया। दोपहर बाद टीम स्वरूपाराम को लेकर दोबारा मौके पर पहुंची। इस बार बाप थानाधिकारी हरिसिंह राजपुरोहित भी जय जाप्ता साथ थे। रेंजर ने बताया कि घटना स्थल पर बाल, रक्त के धब्बे सहित अन्य अवशेष फिर बरामद हुए। शिकारी जीतू ढोली को झूपे में कर दिया था बंद दूसरा शिकारी विनोद सिंह पुत्र भंवरसिंह नलकूप पर मिल गया, लेकिन वह टीम को देख भागने लगा। जिस पर उसका पीछा किय गया। तारबंदी होने की वजह से गाड़ी जा नहीं पा रही थी, ऐसे में वन विभाग व पुलिस की टीम ने उसका पैदल ही ड़ेढ घंटे पीछा कर पकड़ा। स्वरूपाराम के बताने पर तीसरे शिकारी जीतु पुत्र भंवराराम ढोली के घर टीम ने दबिश दी, लेकिन वह नहीं मिला। परिजनों ने उसे झूंपे में अंदर छिपाकर बाहर से ताला लगा दिया। ताला खुलवाकर उसे बाहर निकाल गिरफ्तार कर लिया। शिकार प्रकरण में लिप्त रेंवतसिंह सहित चार अन्य की तलाश की जा रही है।
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