प्रशासन की संवेदनहीनता : तीसरे दिन भी 600 भिखारियों और मजदूरों की नहीं ली सुध, एनजीओ ने दिलाया आसरा

शहर के विभिन्न चाैराहाें और फुटपाथ पर दानदाताआें के भराेसे पेट पालने वाले 600 भिखारी और दिहाड़ी मजदूराें काे बिना स्क्रीनिंग व नाम-पते की सूची बनाए पुलिस ने बुधवार को डंडे दिखाकर शहर के बाहर खदेड़ दिया था। तीसरे दिन भी प्रशासन ने इनकी सुध नहीं ली। जबकि दैनिक भास्कर ने यह मुद्दा उठाया था और इनकी पीड़ा समझते हुए एक एनजीओ की मदद से 300 लोगों की रहने, खाने-पीने की व्यवस्था कर दी, जबकि 300 लोग जिले की सीमा पार चले गए। 
इन लोगों को कहा गया था कि हाइवे पर महादेवजी का धूणा है, वहां उनके लिए टेंट लगाए गए हैं। वहीं उनके खाने-पीने की व्यवस्था की गई है। इसके बाद सभी भिखारी व दिहाड़ी मजदूर सुबह पैदल-पैदल रवाना हाे गए, लेकिन डांगियावास बाइपास तक प्रशासन की तरफ से इन्हें न ताे खाना मिला आैर न ही पीने का पानी। भास्कर टीम ने इनकी पीड़ा काे समझा आैर स्वयंसेवी संस्था श्रीकृष्ण गोपाल सेवा समिति के संरक्षक श्यामसुंदर जाजड़ा (डिगाड़ी) व दानदाता बाबूलाल सांखला काे सूचना दी। इसके बाद संस्था के कार्यकर्ता पूरे रास्ते भाेजन के पैकेट बांटते-बांटते डांगियावास तक पहुंच गए। भाेजन के पैकेट बांटने के बाद इन्हें किसी स्थान पर रुकवाने का भी प्रयास किया, लेकिन 300 से ज्यादा भिखारी व दिहाड़ी मजदूर जिले से बाहर निकल चुके थे। संस्था ने डांगियावास बाइपास में डेरा जमाए करीब 200 लाेगाें काे महादेव हाेटल में पंचायत समिति मंडाेर के सहयाेग से बनाए आश्रय स्थल में रुकवाया। इनके खाने-पानी की व्यवस्था संस्था की आेर से की जा रही है। झालामंड व आसपास फुटपाथ पर बैठे थे, एेसे 75 भिखारियाें व मजदूराें काे झालामंड स्कूल में अस्थाई आसरा दिलवाया है। संस्था ने इनके नहाने व अन्य जरूरत का सामान भी मुहैया करवाया।


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वन विभाग की टीम ने पुलिस के सहयोग से हिरण के मांस सहित तीन शिकारियों को गिरफ़्तार किया है। इनमें एक शिकारी को मौके से जबकि शेष दोनों को पकड़ने के लिए वन विभाग को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। चार शिकारी फरार भी हो गए। क्षेत्रीय वन अधिकारी बुधाराम विश्नोई ने बताया कि शुक्रवार सुबह शेखासर रोड पर अखाधना से पहले रेंवतसिंह पुत्र भंवरसिंह के नलकूप पर मांस पकाने की सूचना थी। टीम पहुंची तो स्वरूपाराम पुत्र द्ववारकाराम भील को मांस सहित गिरफ्तार किया। शेष आरोपी उस समय मौके से फरार हो गए। रेंजर विश्नोई ने बताया कि पूछताछ करने पर उसकी निशानदेही पर राणेरी रोड पर भीलों की ढाणी जाने वाली सड़क किनारे फेंकी खाल बरामद की। टीम एक बार स्वरूपाराम को लेकर बाप पहुंच गई। दोबारा मौका देखने गए तो पकड़ में आए दो शिकारी, अवशेष बरामद स्वरूपाराम ने पूछताछ में बताया कि शिकार रेंवतसिंह व उसके भाई विनोदसिंह सहित सात जनों ने मिलकर किया था। आधा मांस रेंवतसिंह के नलकूप पर व आधा मांस भंवरलाल पुत्र बींजाराम ढोली के यहां पकाया। दोपहर बाद टीम स्वरूपाराम को लेकर दोबारा मौके पर पहुंची। इस बार बाप थानाधिकारी हरिसिंह राजपुरोहित भी जय जाप्ता साथ थे। रेंजर ने बताया कि घटना स्थल पर बाल, रक्त के धब्बे सहित अन्य अवशेष फिर बरामद हुए। शिकारी जीतू ढोली को झूपे में कर दिया था बंद दूसरा शिकारी विनोद सिंह पुत्र भंवरसिंह नलकूप पर मिल गया, लेकिन वह टीम को देख भागने लगा। जिस पर उसका पीछा किय गया। तारबंदी होने की वजह से गाड़ी जा नहीं पा रही थी, ऐसे में वन विभाग व पुलिस की टीम ने उसका पैदल ही ड़ेढ घंटे पीछा कर पकड़ा। स्वरूपाराम के बताने पर तीसरे शिकारी जीतु पुत्र भंवराराम ढोली के घर टीम ने दबिश दी, लेकिन वह नहीं मिला। परिजनों ने उसे झूंपे में अंदर छिपाकर बाहर से ताला लगा दिया। ताला खुलवाकर उसे बाहर निकाल गिरफ्तार कर लिया। शिकार प्रकरण में लिप्त रेंवतसिंह सहित चार अन्य की तलाश की जा रही है।
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