अब कोरोना के संदिग्ध व पॉजिटिव मरीजों के स्वाब के सैंपल ईएनटी विशेषज्ञ, ट्रेनिंग लिए पोस्ट ग्रेजुएट या रेजिडेंट डाॅक्टर ही ले पाएंगे। यह आदेश केन्द्र सरकार के अधीन सचिव अमित बिस्वा ने सभी स्टेट के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख शासन सचिव मेडिकल शिक्षा को दिए है। आदेशानुसार कोरोना को रोकने के लिए ट्रेड और क्वालिफाई लोगों के द्वारा ही सैंपल लिए जाने चाहिए। इसलिए उन्होंने सभी राज्यों को कहा है कि सैंपल लेने का काम ईएनटी स्पेशलिस्ट और रेजिडेंट्स की कोरोना का सैंपल लेंगे।
इधर, काेराेना विंग से जनाना विंग सैंपल लेने जाने की आपाधापी में संक्रमण फैलने का खतरा: एमडीएमएच में कोरोना के पॉजिटिव मरीजों को माेर्चरी के पीछे बनी कोरोना विंग व संदिग्धाें में से कुछ को जनाना विंग में भर्ती किया गया है। कोरोना विंग में कार्यरत लैब टेक्निशियन, जाे वहां पाॅजिटिव व संदिग्धों के सैंपल ले रहा है उसे ही जनाना विंग में सैंपल लेने भेजा जा रहा है। ऐसे में अस्पताल में संक्रमण फैलने की आशंका है। विशेषज्ञों की मानें तो कोरोना विंग के टेक्नीशियनों को वहीं काम करवाकर सीधे जहां कहीं भी उनके रुकने की व्यवस्था है वहां तक एंबुलेंस में छुड़वाना चाहिए और अगले दिन सुबह एंबुलेंस ही वहां से लेकर हॉस्पिटल आएगी, लेकिन ऐसा हाे नहीं रहा। हकीकत में ताे काेराेना विंग का टेक्निशियन ही 300 मीटर दूर बनी जनाना विंग में अपनी गाड़ी से सैंपल लेने जा रहा है। एेसे में पाॅजिटिव मरीजाें के वायरस हवा में पूरे अस्पताल में फैलने का खतरा है।
इधर, संक्रमण के डर से माेर्चरी से शव उठाने से किया इंकार
एमडीएम में कोरोना विंग के सामने बनी मोर्चरी में रखे पाेकरण के मारवा गांव निवासी रेवतसिंह का शव लेने से परिजनाें ने मना कर दिया। उनका कहना था कि इसी माेर्चरी में बुधवार रात एक काेराेना पाॅजिटिव की बाॅडी रखी थी। इसके बाद माेर्चरी काे सेनेटाइज नहीं किया गया। एेसे में हम शव गांव ले जाएंगे तो वहां संक्रमण फैलने का डर है। इसके अलावा परिजनाें ने नया बाेर्ड बनाकर पाेस्टमार्टम की मांग भी की।
वन विभाग की टीम ने पुलिस के सहयोग से हिरण के मांस सहित तीन शिकारियों को गिरफ़्तार किया है। इनमें एक शिकारी को मौके से जबकि शेष दोनों को पकड़ने के लिए वन विभाग को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। चार शिकारी फरार भी हो गए। क्षेत्रीय वन अधिकारी बुधाराम विश्नोई ने बताया कि शुक्रवार सुबह शेखासर रोड पर अखाधना से पहले रेंवतसिंह पुत्र भंवरसिंह के नलकूप पर मांस पकाने की सूचना थी। टीम पहुंची तो स्वरूपाराम पुत्र द्ववारकाराम भील को मांस सहित गिरफ्तार किया। शेष आरोपी उस समय मौके से फरार हो गए। रेंजर विश्नोई ने बताया कि पूछताछ करने पर उसकी निशानदेही पर राणेरी रोड पर भीलों की ढाणी जाने वाली सड़क किनारे फेंकी खाल बरामद की। टीम एक बार स्वरूपाराम को लेकर बाप पहुंच गई। दोबारा मौका देखने गए तो पकड़ में आए दो शिकारी, अवशेष बरामद स्वरूपाराम ने पूछताछ में बताया कि शिकार रेंवतसिंह व उसके भाई विनोदसिंह सहित सात जनों ने मिलकर किया था। आधा मांस रेंवतसिंह के नलकूप पर व आधा मांस भंवरलाल पुत्र बींजाराम ढोली के यहां पकाया। दोपहर बाद टीम स्वरूपाराम को लेकर दोबारा मौके पर पहुंची। इस बार बाप थानाधिकारी हरिसिंह राजपुरोहित भी जय जाप्ता साथ थे। रेंजर ने बताया कि घटना स्थल पर बाल, रक्त के धब्बे सहित अन्य अवशेष फिर बरामद हुए। शिकारी जीतू ढोली को झूपे में कर दिया था बंद दूसरा शिकारी विनोद सिंह पुत्र भंवरसिंह नलकूप पर मिल गया, लेकिन वह टीम को देख भागने लगा। जिस पर उसका पीछा किय गया। तारबंदी होने की वजह से गाड़ी जा नहीं पा रही थी, ऐसे में वन विभाग व पुलिस की टीम ने उसका पैदल ही ड़ेढ घंटे पीछा कर पकड़ा। स्वरूपाराम के बताने पर तीसरे शिकारी जीतु पुत्र भंवराराम ढोली के घर टीम ने दबिश दी, लेकिन वह नहीं मिला। परिजनों ने उसे झूंपे में अंदर छिपाकर बाहर से ताला लगा दिया। ताला खुलवाकर उसे बाहर निकाल गिरफ्तार कर लिया। शिकार प्रकरण में लिप्त रेंवतसिंह सहित चार अन्य की तलाश की जा रही है।